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जैन त्योहार

ऋषभ देव जयंति (चैत्र कृष्ण नवमी)

महावीर जयंति (चैत्र शुक्ल त्रयोदशी) - करौली में विशाल मेला लगता है।

सुगंध दशमी (भाद्रपद शुक्ल दशमी)- इसे धूप दशमी भी कहते हैं।

रोट तीज (भाद्रपद शुक्ल तृतीया)-इस दिन खीर व मीठी मोटी रोटियाँ बनाई जाती है।

पर्युषण (भाद्रपद शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी) - इस दिन जैनी लोग अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करते है।

दिगम्बर सम्प्रदाय से संबंधित जैनी यह पर्व भाद्रपद शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक मनाते हैं, तो श्वेताम्बर सम्प्रदाय से संबंधित जैनी यह पर्व भाद्रपद कृष्ण द्वादशी से भाद्रपद शुक्ल पंचमी तक मनाते हैं। (दिगम्बर- अश्विन कृष्ण एकम् को पड़वा ढोक / क्षमा याचना पर्व एवं श्वेताम्बर-भाद्रपद शुक्ल पंचमी को संवत्सरी पर्व मनाते हैं।)

दशलक्षण पर्व- प्रतिवर्ष चैत्र, भाद्रपद व माघ की शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक ।

ध्यात्वय रहे - जैनों का मुख्य त्योहार दीपमालिका है तो अष्टान्हिका जैन समुदाय का पर्व है।

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