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Rajasthan me Paryatan - राजस्थान में पर्यटन विकास

Rajasthan me Paryatan - राजस्थान में पर्यटन विकास

 दोस्तों आज India GK आपके लिये Rajasthan me Paryatan - राजस्थान में पर्यटन विकास share कर रहे है, जो की General Knowledge (सामान्य ज्ञान) से सम्बंधित है. इस में राजस्थान में पर्यटन विकास का  सामान्य ज्ञान आपको पढने को मिलेगा.

Rajasthan me Paryatan - राजस्थान में पर्यटन विकास

पर्यटन

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परिचय

पर्यटन आगमन

पर्यटन

सक्रिट

पर्यटन

स्थल

पर्यटन

नीतियां

पर्यटन

योजनाएं

पर्यटन

संस्थान

1. परिचय

  • मोहम्मद युनुस समिति की सिफारिश पर 4 मार्च, 1989 को पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया। 
  • 2004-05 में पर्यटन को जन उद्योग का दर्जा दिया गया।
  • राजस्थान में 4 पर्यटन संभाग है -1.जोधपुर 2 अजमेर 3. उदयपुर 4 कोटा
  • राजस्थान पर्यटन की टैग लाईन राजस्थान भारत का अतुल्य राज्य
  • पर्यटन विभाग का स्लोगन 'पधारो म्हारे देस"
  • पर्यटन स्लोगन के साथ प्रतीकात्मक पशु 'ऊँट को दर्शाया गया हैं।

II. पर्यटन आगमन

1. वर्ष 2020 में राजस्थान में कुल पर्यटन आगमन-155.63 लाख

स्वदेशी

विदेशी

 151.17 लाख

4.46 लाख


2.वर्ष 2021 में राजस्थान में कुल पर्यटन आगमन- 220.24 लाख

स्वदेशी

विदेशी

219.89 लाख

0.35 लाख


3.स्वदेशी पर्यटकों में 2020-21 में 44.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि विदेशी पर्यटकों में 92.20 प्रतिशत की कमी हुई हैं।

4.2021 में राजस्थान में विदेशी पर्यटकों का सर्वाधिक आगमन -

  1. यू.एस..- 21% 
  2. फ्रांस-10% 
  3. बांग्लादेश 9% 

  • स्वदेशी पर्यटकों का सर्वाधिक आगमन गुजरात से होता है। 
  • वर्तमान में देश में आने वाला हर तीसरा पर्यटक राजस्थान में आता है।

पर्यटन आगमन का समय

सर्वाधिक स्वदेशी पर्यटक

न्यूनतम स्वदेशी पर्यटक

सर्वाधिक विदेशी पर्यटक

न्यूनतम विदेशी पर्यटक

जनवरी से मार्च

 

अप्रैल से जून

जनवरी से मार्च

अप्रैल से जून

नोट:-

  • राजस्थान में स्वदेशी पर्यटकों का सर्वाधिक आगमन -1 अजमेर II पुष्कर 
  • राजस्थान में विदेशी पर्यटकों का सर्वाधिक आगमन - I" जयपुर II उदयपुर

III. पर्यटन सर्किट :-

  • A. सामान्य पर्यटन सर्किट 
  • B. पुरातत्व सर्किट 
  • C. ईको एडवेंचर सर्किट 
  • D.वाईल्ड लाईफ सर्किट 
  • E. ट्राइबल पर्यटन सर्किट 
  • F. आध्यात्मिक सर्किट

A. सामान्य पर्यटन सर्किट

1.पर्यटन विकास के आधार पर राजस्थान को 10 पर्यटन सर्किटों में बाँटा गया है।

1. शेखावाटी

चुरू, सीकर, झुंझुनू

2. अलवर सर्किट

अलवर (सिलीसेढ़-सरिस्का)

3.भरतपुर सर्किट

भरतपुर, डीग, धौलपुर

4. ढूँढाड सर्किट

जयपुर, आमेर, सामोद, रामगढ़, दौसा, आभानेरी

 

5. रणथम्भौर सर्किट

रणथम्भौर, सवाईमाधोपुर-टॉक

6. हाड़ौती सर्किट

कोटा, बूँदी, झालावाड़

7. मेवाड सर्किट

 

उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, नाथद्वारा

8. माउंट आबू सर्किट

 

माउंट आबू, रणकपुर, जालौर

9. मेरवाड़ा सर्किट

 

अजमेर, पुष्कर, नागौर, मेड़ता

10. मरू त्रिकोण

 

बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर

नोट:-

  • स्वर्णिम त्रिकोण (Golden Triangle) जयपुर, दिल्ली, आगरा पर्यटन केंद्रो को कहा जाता है।
  • बजट 2021-22 में गोडवाड पर्यटन सर्किट के लिए 2,210 लाख का प्रोजेक्ट बनाया गया है। जिसमें जालोर, सिरोही, बाड़मेर एवं पाली जिलों को शामिल किया गया है।

B. पुरातत्व सर्किट

  • राजस्थान के सातों संभाग मुख्यालयों को पुरातत्व सर्किट बनाया गया है।

  1. जोधपुर सर्किट 
  2. अजमेर सर्किट 
  3. जयपुर सर्किट 
  4. बीकानेर सर्किट 
  5. उदयपुर सर्किट 
  6. कोटा सर्किट 
  7. भरतपुर सर्किट

C. ईको एडवेंचर सर्किट

  • इसमें राजस्थान के 10 जिलों को शामिल किया गया है जिसमें जयपुर, अलवर, धौलपुर, कोटा, उदयपुर, चित्तौडगढ़, राजसमंद, जैसलमेर, जोधपुर, सिरोही शामिल है।

D. वाईल्ड लाईफ सर्किट

  • इसमें अलवर, करौली, धौलपुर, जयपुर, सिरोही, राजसमंद एवं प्रतापगढ़ को शामिल किया गया है।

E. ट्राइबल पर्यटन सर्किट

  1. इसमें बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं उदयपुर को शामिल किया गया है।

F. आध्यात्मिक सर्किट

बुद्धा सर्किट :- जयपुर झालावाड़ जिलों में बौद्ध धर्म के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बौद्ध धर्म से संबंधित स्थानों का विकास किया गया है।

कृष्णा सर्किट :- स्वदेश दर्शन योजना 2014-15 केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के अनुसार देश के 5 राज्यों (उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा) में 12 कृष्णा स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा।

राजस्थान में शामिल मंदिर

  • राजसमंद - श्रीनाथ जी 
  • जयपुर - गोविन्द देवजी, गलता जी कनक वृंदावन 
  • सीकर - खाटूश्यामजी

बालाजी सर्किट

राजस्थान में बालाजी सर्किट में शामिल प्रमुख मंदिर –

  1. सालासर- चुरू
  2. पाडुपोल - अलवर  
  3. मेहंदीपुर- दौसा
  4. सामोद वीर हनुमान मंदिर- जयपुर

तीर्थ सर्किट :- 

इसमें अजमेर, पुष्कर, नाथद्वारा एवं महावीर जी (करौली) को शामिल किया गया है ।

IV. पर्यटन स्थल

पर्यटन स्थल

ऐतिहासिक स्थल

 

सांस्कृतिक स्थल

 

भौगोलिक स्थल

 

प्राचीन पुरातात्विक सभ्यता स्थल

 

प्रमुख मंदिर एवं दरगाह

राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य

किले दुर्ग एवं महल

 

पर्यटन महोत्सव

झील, बांध एवं जलप्रपात

 

 

 हिल स्टेशन

नोट:-

प्रमुख पर्यटन महोत्सव :-

 

जनवरी

 

ऊंट महोत्सव

 

-

बीकानेर

जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल

 

-

 

डिग्गी पैलेस (जयपुर)

 

 

फ़रवरी

 

बेणेश्वर मेला

-

डूंगरपुर

मरू महोत्सव

-

जैसलमेर

उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल

 

-

उदयपुर

 

मार्च

 

ब्रज महोत्सव

-

भरतपुर

धुलण्डी महोत्सव

-

होली के अगले दिन

 

राजस्थान महोत्सव

-

27 से 30 मार्च

 

अप्रैल

 

गणगौर उत्सव

-

जयपुर का प्रसिद्ध

मेवाड़ महोत्सव

-

उदयपुर

 

मई

 

 

ग्रीष्म उत्सव

 

-

माउण्ट आबू

 

 

अगस्त

 

 

तीज उत्सव

 

-

श्रावण शुक्ल तृतीया (जयपुर)

 

कजली तीज

 

-

भाद्रपद कृष्ण तृतीया (बूंदी)

 

 

अक्टूबर

 

 

राजस्थान कबीर यात्रा

 

-

बीकानेर क्षेत्र में

 

आभानेरी उत्सव

 

-

दौसा

मारवाड़ उत्सव (मांड उत्सव )

 

-

जोधपुर

 

 

अक्टूबर-नवम्बर

 

दशहरा उत्सव

-

कोटा

पुष्कर उत्सव

-

अजमेर

कोलायत मेला

-

बीकानेर

मत्स्य महोत्सव

-

अलवर

चन्द्रभागा महोत्सव

-

झालावाड़

बूँदी उत्सव

 

-

बूंदी

 

दिसम्बर

 

कुम्भलगढ़ उत्सव

-

(1-3 दिसम्बर) राजसमंद

रणकपुर उत्सव

-

(21-22 दिसम्बर) पाली

शीतकालीन उत्सव

-

(29-30 दिसम्बर) माउण्ट आबू

V. पर्यटन नीतियाँ :-

  • राजस्थान पर्यटन नीति जारी करने वाला देश का प्रथम राज्य है। 
  • राजस्थान की पर्यटन नीतियाँ- (1) 2001 (2) 2007 (3) 2015 (4) 9 सितम्बर 2020 
  • राजस्थान की ईको टूरिज्म पॉलिसी :-1st 14 फरवरी 2010 2nd 15 जुलाई 2021 
  • राजस्थान होटल पॉलिसी-2006

VI. पर्यटन संबंधित योजनाएँ

1. पेइंग गेस्ट योजना :

  • शुरूआत :- 27 सितम्बर 1991
  • 2012 में इसे सम्पूर्ण राज्य में लागू कर दिया गया।

2. हेरिटेज होटल योजना :-

  • 1991 में भारत सरकार द्वारा हेरिटेज होटल की नवीन श्रेणी को मान्यता दी।

हेरिटेज के लिए आवश्यक शर्ते :-

  • 50 वर्ष से पुरानी इमारतों जैसे किलों, महलों, हवेलियों एवं दुर्गो को बनाया जाता है
  • हेरिटेज होटलों को सेवा एवं सुविधाओं के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है- 1. हेरिटेज 2 हेरिटेज क्लासिक 3. हेरिटेज ग्रैंड इत्यादि ।

नोट:- राजस्थान में अजीत भवन (जोधपुर) को देश का प्रथम हेरिटेज होटल बनाया गया।

3. मेवाड़ कॉम्प्लेक्स योजना / मेवाड़ संकुल-

महाराणा प्रताप की 400वीं पुण्यतिथि (1997) पर उनके जीवन से संबंधित स्थानों (गोगुन्दा, चावंड, दिवेर, हल्दीघाटी) का पर्यटन की दृष्टि से विकास करना ।

4. वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना :-

  • देवस्थान विभाग द्वारा शुरू की गई।
  • शुरूआत 2013

5. हृदय योजना (HRIDAY - Heritage City Development and Augmentation Yojana) :-

  • शुरूआत -2015
  • उद्देश्य देश के राष्ट्रीय विरासत स्थलों के विकास एवं संवर्द्धन के लिए चलाई गई योजना |
  • इसमें राजस्थान के अजमेर को शामिल किया गया।

6. प्रसाद योजना ( PRASHAD Pilgrimage Rejuvenation And Spiritual Augmentation Drive'):-

  • शुरूआत जनवरी 2015
  • पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू।
  • यह तीर्थ स्थलों, आध्यात्मिक एवं विरासत स्थलों के परिवर्धन के लिए शुरू।
  • इस योजना के तहत राजस्थान में अजमेर पुष्कर का विकास किया जायेगा ।

7. पेइंग गेस्ट हाउस योजना / होम स्टे :-

  • शुरूआत 2021
  • पेइंग गेस्ट हाउस के लिए आवश्यक शर्ते- 
  1. न्यूनतम 6 एवं अधिकतम 20 कमरों तक अनुमति ।
  2. होम स्टे आवास क्षेत्र में 23 से अधिक कमरों की अनुमति नहीं ।
  3. पेइंग गेस्ट हाउस का क्षेत्र (Plot Size) - 167 वर्ग मीटर।
  4. पेइंग गेस्ट हाउस के सामने न्यूनतम 30 फीट रोड ।
  5. एक से अधिक मालिकों / स्वामित्व वाले फ्लेट को योजना में शामिल नहीं किया गया।
  6. Fire NOC & Food Licence अनिवार्य ।

VII. पर्यटन संस्थान :-

1. पर्यटन विभाग

  • स्थापना 1956 (जयपुर)
  • पर्यटन संबंधित गतिविधियों के संचालन हेतु ।

3.पर्यटन विभाग के द्वारा मानव संसाधन विकास के लिए संचालित प्रशिक्षण संस्थान

  • होटल प्रबंध संस्थान जोधपुर, उदयपुर, जयपुर
  • फूड क्राफ्ट संस्थान अजमेर, सुमेरपुर (पाली)

4. पर्यटन विभाग के राज्य के बाहर देश में प्रमुख 4 महानगरों में पर्यटक स्वागत / सूचना केन्द्र है-

  1. दिल्ली 
  2. कोलकाता 
  3. चेन्नई 
  4. मुम्बई 
  5. राज्य में पर्यटन विभाग के सूचना केन्द्रों की संख्या 42 है।

पर्यटन विभाग के अधीन संचालित संस्थान - 4

राजस्थान राज्य होटल निगम लिमिटेड (RSHC)

स्थापना- 7 जून 1965 (जयपुर)

राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (RTDC) :

स्थापना- 1 अप्रैल, 1979 ( जयपुर )

उद्देश्य- पर्यटकों को आवास, भोजन एवं यातायात सुविधाएं उपलब्ध करवाना।

3. राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट (RITTMAN):-

  • स्थापना - 29 अप्रैल, 1996 (जयपुर)
  • उद्देश्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए संसाधनों का विकास एवं पर्यटन संबंधित नवीनतम जानकारी उपलब्ध करवाना।

4. राज्य मेला प्राधिकरण

  • देवस्थान विभाग के अधीन 2011 में गठन ।
  • दिसम्बर 2019 तक 42 मेले पंजीकृत है।

अन्य महत्त्वपूर्ण बिन्दू -

  • राजस्थान की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का 15 प्रतिशत योगदान है।
  • बजट 2020-21 में 500 करोड़ का पर्यटन विकास कोष बनाया गया।
  • जैसलमेर में ढोला मारु टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स स्थापित किया जायेगा ।
  • जयपुर में "इंस्टिटयूट ऑफ हेरिटेज कन्जर्वेशन (विरासत संरक्षण संस्थान) खोला जायेगा।
  • जोधपुर में राजस्थान का पहला "टूरिज्म कन्वेंशन सेन्टर " खोला जायेगा ।

CETT (सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर टूरिज्म ट्रेनिंग ) -

  • शुरूआत 6 अक्टूबर 2016 (उदयपुर)
  • सहयोग - सिंगापुर
  • उद्देश्य विश्व स्तरीय पर्यटन संबंधित प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने हेतु

मिनी गोवा

  • बीसलपुर बांध को पर्यटन के लिए मिनी गोवा के रूप में विकसित करना ।
  • यहाँ रंगीन मछलियों का एक्वेरियम एवं प्रजनन केंद्र बनाया गया है।

यूनेस्को सूची में शामिल धरोहर-

सांस्कृतिक धरोहर

 

 

प्राकृतिक धरोहर

 

अमूर्त कला

 

जंतर मन्तर (2010)

 

 

केवलादेव भरतपुर (1985)

 

कालबेलिया नृत्य 2010

 

6 किले (2013)

  • आमेर - जयपुर
  • गागरोन - झालावाड़
  • सोनार - जैसलमेर
  • रणथम्भौर - सवाई माधोपुर
  • चित्तौड़गढ़ दुर्ग
  • कुंभलगढ़- राजसमंद
  • जयपुर परकोटा (2019)

नोट:- विश्व पर्यटन दिवस - 27 सितम्बर

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