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Rajasthan ke Prmukh Smark -  प्रदेश के प्रमुख स्मारक व छतरियां

Rajasthan ke Prmukh Smark - प्रदेश के प्रमुख स्मारक व छतरियां

 प्रदेश के प्रमुख स्मारक व छतरियां

भचूंडला (प्रतापगढ़) नामक स्थान पर वीरों के स्मारक स्तम्भ' स्थित है।

बीकानेर-

1.देवीकुण्ड की छतरियाँ (बीकानेर के शाही राठौड़ों की छतरियाँ)

2.राव कल्याण मल की छतरी (बीकानेर की सबसे प्राचीन छतरी)

3.राव बीका की छतरी ।

Rajasthan ke Prmukh Smark -  प्रदेश के प्रमुख स्मारक व छतरियां
Rajasthan ke Prmukh Smark -  प्रदेश के प्रमुख स्मारक व छतरियां


जयपुर-

1.गैटोर की छतरियाँ (नाहरगढ़ के पास यह कच्छवाहा वंश की छतरियाँ हैं)

2.ईश्वरीसिंह की छतरी

3.ईसरलाट/सरगासूली (मराठों पर विजय के उपलक्ष्य में सवाई ईश्वरी सिंह ने बनवाया, जहाँ से कूद कर उसने

आत्महत्या की।)

4.अमर जवान ज्योति स्मारक (एस.एम.एस. स्टेडियम के सामने जयपुर में )

5.मानसिंह प्रथम की छतरी (आमेर में) 6.नरायणा के भोजराज बाग में खंगारोत शासकों की छतरियाँ

जोधपुर-

1.जसवंत थड़ा (इसे राजस्थान का ताजमहल कहते है जिसका निर्माण सरदार सिंह ने 1906 में जसवंत सिंह द्वितीय

की स्मृति में करवाया)

2.ब्राह्मण देवता की छतरी

3.पंचकुण्ड की छतरियाँ (मण्डौर में यहाँ राठौड़ों की छतरियाँ स्थित है जिसमें सबसे प्राचीन रावगांगा की छतरी है।

इसके दक्षिण में रानियों की छतरियाँ है)

ध्यातव्य रहे-मण्डौर:- जोधपुर में प्राचीन राजाओं की छतरियों एवं उद्यानों के लिए प्रसिद्ध

4.कागा की छतरी

5.इन्द्रराज सिंधी की छतरी

6.कीरत सिंह सोढ़ा कीर्तिधनी की छतरी

7.मामा (धन्ना) - भाँजा (भीया) की छतरी

8.गोराधाय की छतरी

9.एक खम्भे की छतरी

10.गुलाब खां का मकबरा, जोधपुर

11.रानी सूर्य कुँवर की छतरी (32 खम्भों की छतरी)

12.अजीतसिंह के देवल

13.प्रधानमंत्री राजसिंह चम्पावत की छतरी (जसवंत सिंह ने अपने प्रधानमंत्री की याद में 18 खम्भों की छतरी

बनवाई)

14. अखैराज सिंघवी की छतरी (20 खम्भों की)

झुंझुनूं-

1.रावशेखा की छतरी (परशामपुरा गाँव, नवलगढ़ तहसील में)

2.जोगीदास की छतरी (उदयपुरवाटी में)

अलवर-

1.टहला की छतरी (यह मध्यकालीन भित्ति चित्रकला के लिए प्रसिद्ध)

2.नैड़ा की छतरी (सरिस्का वन क्षेत्र में)

3.मूसी महारानी की छतरी, अलवर (80 खम्भों की छतरी इसका निर्माण 1815 में विनयसिंह ने करवाया)

4.बख्तावर सिंह की छतरी

चूरू-

1.बीघाजी स्मारक (सुजानगढ़ में)

दौसा-

1.बंजारों की छतरी (लालसोट)

करौली-

1.गोपाल सिंह की छतरी

सवाई माधोपुर-

1.शिवलिंग की छतरी

2.जयसिंह/जैनसिंह की छतरी (हम्मीरदेव के पिता की स्मृति में 32 खम्भों की छतरी) यह दोनों छतरियाँ रणथम्भौर

दुर्ग में है।

3.कुत्ते की छतरी (कुफराज की घाटी में)

बारां-

1.थानेदार नाथूसिंह की छतरी (शाहबाद में उम्मेदसिंह ने बनवाई)

बूंदी-

1.धाबाई देवी की छतरी (इसका निर्माण 1883 ई. में राजा अनिरूद्ध के भाई देवा ने देवपुरा गाँव के निकट करवाया,

जो भगवान शिव को समर्पित है)

2.मूंसी रानी की छतरी (84 खम्भों की छतरी) इस छतरी का निर्माण 1683-1695 के मध्य राव अनिरूद्ध सिंह के काल

में राव देवा द्वारा बूंदी के पास देवपुरा गाँव में करवाया गया था।

3.केसरबाग को छतरियाँ

कोटा-

1.छत्रविलास बाग की छतरी

2.क्षारबाग की छतरी (कोटा-बूंदी के हाड़ा चौहानों की छतरियाँ । शाही समशान

3."नेहर खाँ की मीनार

भीलवाड़ा-

1.महाराणा साँगा की छतरी (माण्डलगढ़)

2.जगन्नाथ / जगदीश कछवाहा की छतरी (शाहजहाँ ने 32 खम्भों की छतरी बनवाई)

3.जोधसिंह की छतरी (32 खम्भों की छतरी बदनौर में)

4.गंगा बाई की छतरी (माण्डलगढ़)

जैसलमेर-

1.बड़ा बाग की छतरी (जैसलमेर के शाही भाटी शासकों की छतरियाँ)

2.महारावल जैतसिंह की छतरी

नागौर-

1.लाछा गूर्जरी की छतरी

2.अमरसिंह राठौड की छतरी

ध्यातव्य रहे- औरंगजेब के शासनकाल के दौरान नागौर का अमरसिंह राठौड़ महान सेनानी अपने घोड़े के साथ आगरा

किले से कूदा था।

बाड़मेर-

1.गड़रा का शहीद स्मारक-1965 के भारत-पाक युद्ध में शहीद रेल कर्मचारियों का स्मारक

अजमेर-

1.रूठी रानी की छतरी (तारागढ़)

2.पृथ्वीराज स्मारक

3.दाहर सेन स्मारक

4.आँतेड़ की छतरी (दिगम्बर जैन सम्प्रदाय)

राजसमन्द-

1.चेतक का चबूतरा - हल्दीघाटी के नजदीक बलीचा गाँव में, महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की याद में बना स्मारक

2.पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी (कुम्भलगढ़ दुर्ग में 12 खम्भों की छतरी)

बाँसवाड़ा-

1. अर्भूणा का द्वीप स्तम्भ

उदयपुर-

1.महाराणा प्रताप की छतरी (बाड़ौली में केजड़ बाँध के ऊपर 8 खम्भों की छतरी)

2.सिसोदिया राजवंश की/महासतियाँ/आहड़ की छतरियाँ

3.कपूर बाबा फकीर की छतरी (शाहजहाँ ने जगमन्दिर में इनकी छतरी का निर्माण करवाया)

4.उदयसिंह की छतरी (गोगुन्दा में)

चित्तौड़गढ़-

1.मीरां के गुरु रैदास की, कल्ला जी की, जयमल राठौड़ की, प्रतापगढ़ के रावत बाघसिंह की छतरियाँ चित्तौड़गढ़ दुर्ग में

स्थित है।

महत्त्वपूर्ण बिन्दु

1.छः खम्भों की छतरी- गोरा धाय की छतरी (जोधपुर) लालसोट की छतरी (दौसा)

2.आठ खम्भों की छतरी- महाराणा प्रताप की छतरी (बाड़ौली) सन्त रैदास की छतरी (चित्तौड़गढ़) राणा सांगा की

छतरी (माण्डलगढ़) मिश्र जी की छतरी (अलवर)

3.दस खम्भों की छतरी-मामा-भान्जा की छतरी (मेहरानगढ़ दुर्ग)

4.बारह खम्भों की छतरी-पृथ्वीराज सिसोदिया की छतरी (कुम्भलगढ़ दुर्ग)

5.ठाकुर शार्दुलसिंह की छतरी नवलगढ़

6.सोलह खम्भों की छतरी- अमरसिंह राठौड़ की छतरी (नागौर दुर्ग)

7.बीस खम्भों की छतरी-सिंघवियों की छतरी (जोधपुर)

8.बतीस खम्भों की छतरी - माण्डलगढ़ की छतरी (भीलवाड़ा) बदनौर की छतरी (भीलवाड़ा) रानी सूर्य कंवर की छतरी

(जोधपुर) रणथम्भौर/न्याय की छतरी (रणथम्भौरदुर्ग)

9.छियासठ खम्भों की छतरी-

बूंदी में हाड़ा शासकों की छतरी (बूंदी)

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