Rajasthan ki Jansankhya - राजस्थान की जनसंख्या
जनगणना का इतिहास 
- प्राचीन काल- अर्थशास्त्र चाणक्य (मौर्य काल )
- मध्य काल- आइने - अकबरी - अबुल फजल (मुगल काल )
- आधुनिक काल - 1872 लॉर्ड मेयो द्वारा आधुनिक जनगणना की शुरूआत
नोट:-
- 1881 में लार्ड रिपन के काल में व्यवस्थित और दशकीय जनगणना की शुरुआत हुई
- जनगणना संघ सूची का विषय है। यह संविधान की 7 वीं अनुसूची में शामिल है।
- 1948 में, जनसंख्या जनगणना अधिनियम पारित किया गया था
- राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग का गठन 1993 में किया गया था ।
- जनगणना गृह मंत्रालय के जनगणना विभाग द्वारा करवाई जाती है।
जनगणना 2011
- क्रमानुसार - 15th
- व्यवस्थित / दशकीय -14th
- स्वतंत्रता के बाद - 7th
- 21 वीं शताब्दी की - 2nd
- 15वीं जनगणना बजट 2200 करोड़
- प्रति व्यक्ति लागत - 18.19 रूपये
- 2011 की जनगणना में शामिल कुल जिले 640 (राजस्थान - 33 जिले)
- जनगणना शुभंकर - प्रगणक शिक्षिका
- जनगणना आदर्श वाक्य - "हमारी जनगणना, हमारा भविष्य"
विशेष बिंदु -
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पहली बार बनाया गया है।
- प्रथम बार घरों की जनगणना
- किन्नरों को जगनगणना में पहली बार शामिल किया गया तथा उनकी गिनती पुरुष वर्ग में की गयी ।
- जातीय जनगणना दूसरी बार 2011 में की गई। (प्रथम बार - 1931)
- 2011 की जनगणना दो चरणों में संपन्न हुई -
- पहला चरण - 15 मई से 30 जून, 2010
- दूसरा चरण - 9 फरवरी से 28 फरवरी, 2011
कुल जनसंख्या -
भारत की कुल जनसंख्या - 121.085 करोड
राजस्थान की कुल जनसंख्या - 6.85 करोड़ (पुरुष - 51.86% एवं महिलाएँ - 48.14% )
| सर्वाधिक  | न्यूनतम  | 
| जयपुर | जैसलमेर 6.69 लाख 
 | 
| जोधपुर | प्रतापगढ़ 8.67 लाख 
 | 
| अलवर - 36.74 लाख 
 | सिरोही 10.36 लाख 
 | 
| . नागौर - 33.07 लाख 
 | बून्दी 11.10 लाख 
 | 
| उदयपुर - 30.68 लाख 
 | राजसमंद 11.56 लाख 
 | 
- राजस्थान में भारत की कुल जनसंख्या का 5.67 प्रतिशत और विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग 1 प्रतिशत हिस्सा है।
- 2011 के अनुसार, जनसंख्या की दृष्टि से 8वां स्थान रखता है। लेकिन वर्तमान में राजस्थान भारत में 7वाँ स्थान रखता है।
- शिशु जनसंख्या (0-6 वर्ष) राजस्थान की कुल जनसंख्या का 15.54 प्रतिशत है।
कुल जनसंख्या
जनसंख्या वृद्धि दर 21.30 प्रतिशत
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम 
 | 
| बाड़मेर 32.5 प्रतिशत 
 | श्री गंगानगर- 10 प्रतिशत 
 | 
| जैसलमेर - 31.8 प्रतिशत 
 | झुन्झुनू - 11.9 प्रतिशत  
 | 
| जोधपुर 27.7 प्रतिशत 
 | पाली - 11.7 प्रतिशत 
 | 
| बांसवाडा -26.58 प्रतिशत 
 
 | बून्दी - 15.4 प्रतिशत 
 | 
ग्रामीण (19 प्रतिशत) व नगरीय (29 प्रतिशत) जनसंख्या वृद्धि दर
| सर्वाधिक ग्रामीण  | सर्वाधिक नगरीय  | न्यूनतम ग्रामीण  | न्यूनतम नगरीय  | 
| जैसलमेर | अलवर | कोटा | डुंगरपुर | 
| बाड़मेर | दौसा | श्री गंगानगर | प्रतापगढ़ | 
| बांसवाड़ा | बांरा | झुंझुनूं | हनुमानगढ़ | 
राजस्थान में सर्वाधिक ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि दर वाला दशक 1911-21 (6.29 प्रतिशत) ।
 राजस्थान में 1911 21. दशक में जनसंख्या घटने का कारण -
- प्लेग माहमारी
- प्रथम विश्व युद्ध
- राष्ट्रीय आंदोलनों की शुरूआत
राजस्थान की जनसंख्या की वृद्धि दर में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज- 1971-81 (32.97 प्रतिशत)
1991-2001 में राजस्थान की जनसंख्या में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई।
3. जनसंख्या घनत्व :
जनसंख्या घनत्व 200
| सर्वाधिक 
 | सबसे कम 
 | 
| जयपुर 595 | जैसलमेर 17 | 
| भरतपुर 503 | बीकानेर 78 | 
| दौसा 476 | बाड़मेर 92 | 
| अलवर 438 | चुरू 147 | 
100 से कम जनसंख्या घनत्व वाले - जैसलमेर, बीकानेर, बाडमेर
मरुस्थलीय जिलों (पश्चिमी राजस्थान) में जनसंख्या घनत्व सबसे कम मिलता है।
4. लिंगानुपात -
प्रति हजार पुरुषों की संख्या पर महिलाओं की संख्या को लिंगानुपात कहा जाता है।
कुल औसत लिंगानुपात 928 -
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम 
 | 
| डुंगरपुर 994 | धौलपुर 846 | 
| राजसमंद 990 | जैसलमेर 852 | 
| पाली 987 | करौली 861 | 
| प्रतापगढ़ 983 | भरतपुर 880 | 
राज्य में लिंगानुपात
ग्रामीण 933
| सर्वाधिक  | न्यूनतम  | 
| पाली 1003 | धौलपुर 841 | 
| राजसमंद 998 | करौली 856 | 
| डुंगरपुर 996 | जैसलमेर 859 | 
शहरी 914
| सर्वाधिक  | न्यूनतम  | 
| टोंक 985 | जैसलमेर 807 | 
| बांसवाड़ा 964 | धौलपुर 864 | 
| प्रतापगढ़ 963 | अलवर 872 | 
न्यूनतम और अधिकतम लिंगानुपात के पीछे कारण
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम 
 | 
| प्रति व्यक्ति कम आय | उच्च साक्षरता दर | 
| तकनीक पर भरोसा नहीं है। | एकल परिवार | 
| कम साक्षरता दर | अधिक आय | 
| संयुक्त परिवार | तकनीकी जानकारी। | 
| दहेज प्रथा प्रचलित नहीं । | दहेज प्रथा का प्रचलन | 
शिशु लिंगानुपात -
शिशु लिंगानुपात
| सर्वाधिक  | न्यूनतम  | 
| बांसवाड़ा 934 | झुझुनू 837 | 
| प्रतापगढ़ 933 | सीकर 848 | 
| भीलवाड़ा 928 | करौली 852 | 
| उदयपुर 924 | श्रीगंगानगर 854 | 
राज्य में शिशु लिंगानुपात
ग्रामीण 892
| सर्वाधिक  | न्यूनतम  | 
| बांसवाड़ा 937 | झुंझुनू 832 
 | 
| प्रतापगढ़ 936 | सीकर 843 
 | 
| भीलवाड़ा 933 | करौली 850 | 
शहरी 874
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम 
 | 
| नागौर 907 | धौलपुर 841 | 
| बीकानेर 906 | श्रीगंगानगर 842 | 
| भीलवाड़ा 904 | दौसा 847 | 
नोट:-
- राजस्थान के जिलों में लिंगानुपात 1000 से कम है।
- राजस्थान का औसत लिंगानुपात (928) भारत के औसत लिंगानुपात (943) से कम है।
- राजस्थान में सामान्य लिंगानुपात में औसत लिंगानुपात से कम वाले जिलें 15 है।
- राजस्थान में शिशु लिंगानुपात में औसत शिशु लिंगानुपात से कम वाले जिलें 12 है।
5. साक्षरता :
6 वर्ष से अधिक का व्यक्ति जिसे अक्षर ज्ञान हो उसे साक्षर कहा जाता है।
साक्षरता दर - 66.1 प्रतिशत
| सर्वाधिक  | न्यूनतम  | 
| कोटा – 76.6 प्रतिशत | जालौर 54.9 प्रतिशत | 
| जयपुर 75.5 प्रतिशत | सिरोही 55.3 प्रतिशत | 
| झुंझुनूं- 74.1 प्रतिशत | प्रतापगढ़ 56.0 प्रतिशत | 
| सीकर 71.9 प्रतिशत | बांसवाडा – 56.3 प्रतिशत | 
पुरुष साक्षरता दर 79.2 प्रतिशत
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम 
 | 
| झुंझुनू 86.9 प्रतिशत | प्रतापगढ़ 69.5 प्रतिशत | 
| कोटा 86.3 प्रतिशत | बांसवाड़ा 69.5 प्रतिशत | 
| जयपुर 86.1 प्रतिशत | सिरोही 70.0 प्रतिशत | 
| सीकर 85.1 प्रतिशत | जालौर 70.7 प्रतिशत | 
महिला साक्षरता दर 52.1 प्रतिशत
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम  | 
| कोटा 65.9 प्रतिशत | जालौर 38.5 प्रतिशत | 
| जयपुर 64.0 प्रतिशत | सिरोही 39.7 प्रतिशत | 
| झुंझुनूं 61.0 प्रतिशत | जैसलमेर 39.7 प्रतिशत | 
| श्रीगंगानगर 59.7 प्रतिशत | बाड़मेर 40.6 प्रतिशत | 
ग्रामीण और शहरी साक्षरता
ग्रामीण 61.4 प्रतिशत
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम 
 | 
| झुंझुनूं 73.3 प्रतिशत 
 | सिरोही 49.0 प्रतिशत 
 | 
शहरी 79.7 प्रतिशत
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम 
 | 
| उदयपुर 87.5 प्रतिशत | जालौर 71.1 प्रतिशत | 
ग्रामीण महिला-पुरूष साक्षरता
पुरूष 76.2 प्रतिशत
| सर्वाधिक 
 | न्यूनतम 
 | 
| झुंझुनूं 86.8 प्रतिशत | सिरोही 64.6 प्रतिशत | 
महिला 45.8 प्रतिशत
| सर्वाधिक  | न्यूनतम  | 
| झुंझुनूं 59.8 प्रतिशत | सिरोही 32.7 प्रतिशत | 
नगरीय महिला-पुरुष साक्षरता
पुरुष 87.9 प्रतिशत
| सर्वाधिक  | न्यूनतम | 
| उदयपुर 93.4 प्रतिशत | धौलपुर 81.3 प्रतिशत | 
महिला 70.7 प्रतिशत
| सर्वाधिक  | न्यूनतम  | 
| उदयपुर 81.2 प्रतिशत | जालौर 56.9 प्रतिशत | 
नोट:-
- बाड़मेर और चूरू में साक्षरता दर में कमी आई है, शेष सभी जिलों ने साक्षरता दर में वृद्धि हुई है।
- राजस्थान में पुरुष और महिला साक्षरता दर के बीच का अंतर सर्वाधिक है।
- राजस्थान में औसत साक्षरता (66.1 प्रतिशत) से कम साक्षरता वाले जिलें -19 है।
ग्रामीण और शहरी जनसंख्या
ग्रामीण और शहरी जनसंख्या
ग्रामीण 5.15 करोड़
| सर्वाधिक जनसंख्या  | न्यूनतम जनसंख्या  | 
| जयपुर  | जैसलमेर  | 
| अलवर  | कोटा  | 
| नागौर  | प्रतापगढ़  | 
| उदयपुर  | सिरोही  | 
शहरी 1.70 करोड़
| सर्वाधिक जनसंख्या  | न्यूनतम जनसंख्या  | 
| जयपुर | प्रतापगढ़ | 
| जोधपुर | डुंगरपुर | 
| कोटा | जैसलमेर | 
| अजमेर | बांसवाड़ा | 
ग्रामीण और शहरी जनसंख्या
ग्रामीण 75.1 प्रतिशत
| सर्वाधिक प्रतिशत 
 | न्यूनतम प्रतिशत 
 | 
| डूंगरपुर 
 | कोटा 
 | 
शहरी 24.9 प्रतिशत
| सर्वाधिक प्रतिशत  | न्यूनतम प्रतिशत  | 
| कोटा | डुंगरपुर | 
7. राजस्थान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति
| - | अनुसूचित जाति 
 | अनुसूचित जनजाति | 
| प्रतिशत  | 17.8 प्रतिशत 
 | 13.5 प्रतिशत 
 | 
| कुल जनसंख्या | 122.21 लाख 
 | 92.38 लाख 
 | 
| सर्वाधिक जनसंख्या | जयपुर | उदयपुर | 
| सर्वाधिक प्रतिशत | 1.श्रीगंगानगर 2.हनुमानगढं | 1.बांसवाडा़ 2.डुंगरपुर | 
| सबसे कम जनसंख्या | डुंगरपुर | बीकानेर | 
| सबसे कम प्रतिशत | डुंगरपुर | नागौर बीकानेर | 
| लिंगानुपात  | 923 | 948 | 
8. राजस्थान में विभिन्न धर्मों की जनसंख्या
राजस्थान में विभिन्न
धर्मों की जनसंख्या
| धर्म  | प्रतिशत  | सर्वाधिक जनसंख्या 
 | सर्वाधिक प्रतिशत 
 | 
| हिन्दू | 88.49 प्रतिशत | जयपुर | दौसा | 
| मुस्लिम | 9.07 प्रतिशत | जयपुर | जैसलमेर | 
| सिख | 1.27 प्रतिशत | श्रीगंगानगर | श्रीगंगानगर | 
| जैन | 0.91 प्रतिशत | जयपुर | उदयपुर | 
| ईसाई | 0.14 प्रतिशत | बांसवाड़ा | बांसवाड़ा | 
| बौद्ध | 0.02 प्रतिशत | अलवर | अलवर | 
नोट:- राजस्थान राज्य की जनसंख्या नीति 20 जनवरी, 2000
 
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